ख़ुद से ही मुलाकातें करे बिन बादल बरसातें करे बावरा मन बावरी बातें करे बावरा मन बावरी बातें करे घिस-घिस के कोयले से घिस-घिस के कोयले से दूध धुले दिन को रातें करे बावरा मन बावरी बातें करे कभी बैरागी सा लागे बातों से अपनी कभी ये रागी सा लागे आँखों से अपनी ये तारों से पूँछता है इश्क का रस्ता कभी काँधों पर ये लादे ख़्वाबों का बस्ता अजनबी राहों में भटकता फ़िरे बावरा मन बावरी बातें करे बावरा मन बावरी बातें करे कभी अंधेरों में भी ये देख़े दर्पण है बस में नहीं इसके ये इसका मन ये नींदों में चाँद से भी करता है बातें हसरतों की चादरों में जी रहा रातें ये ख़यालों के फ़लक पे उड़ता फ़िरे बावरा मन बावरी बातें करे बावरा मन बावरी बातें करे