Kishore Kumar Hits

Kaash - Aankhon Mein lyrics

Artist: Kaash

album: Kaash, Vol. I (Remastered)


इन आँखों में क्या लिखा है?
इन तारों में क्या छुपा है?
बस तू ही मेरा ख़ुदा है, आज
इन शामों में कैसा नशा है?
तेरी बातों में शहद घुला है
बस तू ही मेरा ख़ुदा है, आज
आज मेरे घर में, हर कहीं पे, हर कहीं तेरा निशां है
और मेरे कमरे में तेरा समां बिखरा पड़ा है
इन आँसुओं में क्या लिखा है?
इन तारों में क्या छुपा है?
और छूटने को अब बचा है, क्या?
ये कैसी ख़रिश, कैसी वफ़ा है?
किसी शायर की तू इल्तिज़ा है
इतना बता दे तेरी क्या रज़ा है? आज

अपने चेहरे से ज़ुल्फ़ें हटा
तो तूझे देख लूँ मैं एक दफ़ा
तो और कांपते हैं क्यूं तेरे हाथ? आज
और ये आसमां मेरा ग़वाह है के मैंने बड़ा चाहा है
पर रोकने से किसी के कोई कब रुका है
जैसे मेरे अंदर तू कहीं पे, तू कहीं पे जी रहा है
चले जाने के बाद ही कोई इतना तुमको याद आता है
इन आँसुओं में क्या लिखा है?
इन तारों में क्या छुपा है?
और छूटने को अब बचा है, क्या?
ये कैसी ख़रिश, कैसी वफ़ा है?
किसी शायर की तू इल्तिज़ा है
इतना बता दे तेरी क्या रज़ा है? आज

किससे क्या हम बताएं?
खुद को कैसे समझाएं?
तेरे बिन जो बताए
वो रातें

रातें

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