Kishore Kumar Hits

Mitali Singh - Yun Hi lyrics

Artist: Mitali Singh

album: Dil Ki Zubaan


यूँ ही बे-सबब ना फ़िरा करो

यूँ ही बे-सबब ना फ़िरा करो
कोई शाम घर भी रहा करो
यूँ ही बे-सबब ना फ़िरा करो
कोई शाम घर भी रहा करो
वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है
उसे चुपके-चुपके पढ़ा करो
यूँ ही बे-सबब ना फ़िरा करो
कोई शाम घर भी रहा करो

कोई हाथ भी ना मिलाएगा
जो गले मिलोगे तपाक से
कोई हाथ भी ना मिलाएगा
जो गले मिलोगे तपाक से
ये नएँ मिज़ाज का शहर है
ज़रा फ़ासले से मिला करो
वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है
उसे चुपके-चुपके पढ़ा करो
यूँ ही बे-सबब ना फ़िरा करो
कोई शाम घर भी रहा करो

मुझे इश्तिहार सी लगती हैं
ये मोहब्बतों की कहानियाँ
मुझे इश्तिहार सी लगती हैं
ये मोहब्बतों की कहानियाँ
जो कहा नहीं वो सुना करो
जो सुना नहीं वो कहा करो
वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है
उसे चुपके-चुपके पढ़ा करो
यूँ ही बे-सबब ना फ़िरा करो
कोई शाम घर भी रहा करो
कोई शाम घर भी रहा करो
कोई शाम घर भी रहा करो

Поcмотреть все песни артиста

Other albums by the artist

Similar artists