बेखबर हो तुम भी ना जाने ये खुदा कर्मों का पिछड़ा साया रहम को ढूंढने निकला जीतने को ये जहां खुद को हरा गया अरसे बाद जो उसका दिल कोई धड़का गया समझ ना पाया वो, ये जो एहसास है साथ ना मगर दुश्मन नहीं अनसुलझी कोई तो बात है ना मजबूरी फिर भी फ़ैसला ना हो ज़रूरी फिर भी फ़ासला है दिल ने भी ये बात ठान ली और प्यार की जान ली किस्से तो हैं कई, सुनाने को नहीं जीता है एहसासों में, जताने को नहीं पूछना वो चाहे 'ये कैसी वीरानियाँ?' Yeah, yeah राहें तो हैं कई मगर जाये कहाँ? चुनले किसी एक को नाराज़ दूसरा ना हो जाये बस यही एक एहसास था जा भी तो वो कहीं ना पाये ना मजबूरी फिर भी फ़ैसला ना हो ज़रूरी फिर भी फ़ासला है दिल ने भी ये बात ठान ली और प्यार की जान ली और प्यार की जान ली ना मजबूरी फिर भी फ़ैसला ना हो ज़रूरी फिर भी फ़ासला है दिल ने भी ये बात ठान ली और प्यार की जान ली