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Nirali Kartik - Reshmi lyrics

Artist: Nirali Kartik

album: Reshmi


रेशमी, रेशमी
रेशमी, रेशमी, उफ़
बड़ी चिकनी सी फितरत है
इस रेशमी मन की
किसी भी ख़याल पे, ठहरता नहीं
सर, से सरक जाता है
सर, से सरक जाता है
ये बावरा मन

बिन काम करता हुआ फिर नया
ख़याल कोई
किसी और ही, ख्याल पे
उतर जाता है
जैसे किसी, लाजनी के हसीन बदन पे
उतरती हुई, उसकी जुल्फें, धरास
कुछ भाती हुई
कुछ जाहिर करती हुई
रेशमी, रेशमी, रेशमी

सातो समंदर, उसके लबो पे, प्यासे-प्यासे
चूड़ियों की खन-खन
चूड़ियों की खन-खन में, गूंजता सूनापन
एक आगोस को, तरसती उसकी बाहें
साँसों में उबलता, तूफ़ान सा कहीं
आंखों में शैलाब की, हामद का अंदेसा
और महावर लगे, पावों में
किसी की उँगलियों के, छू जाने की
कांपती हुई उम्मीद
शमी, रेशमी
उफ़
बड़ी, फितरत है, इस रेशमी
अच्छा है, कि ये मन, रेशमी है
किसी भी ख़याल पे, ठहरता नहीं
सर, से सरक जाता है
सर, से सरक जाता है
ये, ये बावरा मन
ठहर जाए तो
पर ताज नहीं होगा
है ना?
रेशमी, रेशमी
रेशमी, रेशमी, उफ़

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