(रामा, रामा, रामा)
(रामा, रामा, रामा)
(रामा, रामा, रामा)
(रामा, रामा, रामा)
सुबह से शाम सर पे बोझ, कितना काम है, हाँ
सुबह से शाम ना ही रुकना, ना आराम है, हाँ
नसों में रक्त, सर पे भूत, दिल में भावना हो
कि सारे जगत से एक ऊँचा राम नाम है, हाँ
समर्पणम् हो दिल में, काज सारे वो सँवारे
दुखों के सिंधु संग, जीव सारे वो ही तारे
क्रोध, काम, लोभ त्याग के तू मेरे पास आ
तुझे बताऊँ, अपना परम लक्ष्य है ही क्या रे
वलि प्रमार्थना, जो विश्वामित्र प्रिय हैं
जो सर्व देवस्तुता, देवी-देवता को प्रिय हैं
महोदरा, वही प्रमाण हैं उदारता के
दिव्य वेशभूषा, जिनके दिव्य संक्रिय हैं
श्याम अंग, जिनके मुख कमल समान हैं, हाँ
अनंत लोक में अनंत जिनके नाम हैं, हाँ
परासमी, प्रजापति, पराक्षय तेज जिनका
सर्व तीर्थमाया, सूर मेरे श्री राम हैं, हाँ
आत्मा रामा आनंद रमना
अच्युत केशव हरि नारायण
आत्मा रामा आनंद रमना
अच्युत केशव हरि नारायण
भवभय हरणा वंदित चरणा
भवभय हरणा वंदित चरणा
रघुकुलभूषण राजीवलोचन
रघुकुलभूषण राजीवलोचन
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पीले वस्त्र और मुकुट है धारी सर पे उनके
कभी भी सूखा हो तो बरसे वो ही वर्षा बनके
अभी भी रूप देखूँ, आँखो में से आँसू आते-आते
भक्त की ही भक्ति भक्त की शकल से झलके
शब्द कम पड़ेंगे, क्रोध भी सताएगा, हाँ
फिर भी लिखूँगा भगवान जो लिखवाएगा, हाँ
कौन है भक्त, हाँ? आवाज़ दो, आवाज़ दो
जो गाना सुन के "हरे रामा, हरे रामा" गाएगा, हाँ
सत्य विक्रमा, जो सर्व शक्तिशाली हैं
जो सत्य वाचे, आदिपुरुषा, जो विनाशकाले हैं
जितावराशये, समुंद्र के विजयता हैं
जो सूर्यपुत्र वीर की भी रक्षा करने वाले हैं
हनुमान जैसी भक्ति और भरत सा त्याग हो, हाँ
बोली हो शुद्ध जैसे गंगा का प्रयाग हो, हाँ
देखें तो साकेत धाम जाने के ही सपने
बस हृदय में राम जी को पाने की आग हो, हाँ
आत्मा रामा आनंद रमना
अच्युत केशव हरि नारायण
आत्मा रामा आनंद रमना
अच्युत केशव हरि नारायण
आदिनारायण अनन्तशयना
आदिनारायण अनन्तशयना
सच्चिदानन्द सत्यनारायण
सच्चिदानन्द सत्यनारायण
(रामा, रामा, रामा)
(रामा, रामा, रामा)
(रामा, रामा, रामा)
(रामा, रामा, रामा)
कमल समान पद, कमल समान हस्त हैं
कमल समान मुख, कमल से भी कंठस्थ हैं
कमल की भाँति कोमल पर कमल से भिन्न
क्योंकि वज्र से भी अधिक शक्तिशाली अस्त्र-शस्त्र हैं
जो सर्वव्यापी, दास के वो अन्नदाता हैं
जो क्षमा के सागर, दयावान, जो विधाता हैं
पराक्रमी, वेदात्मा, महारथी के साथ
लक्ष्मी स्वरूपा, सत्य सीता माता हैं
प्रभु के विग्रह सामने और मुख पे नाम हो, हाँ
आँखो में आँसू, सर पे हाथ और कुछ ना ध्यान हो, हाँ
भक्त संग माला हाथ में और सेवा की अपेक्षा लेके
सुनूँ राम जी के गुणगान को, हाँ
अयोध्या धाम प्राणनाथ में ही प्राण हो, हाँ
अधर्मियों का समाधान रामबाण हो, हाँ
मंदिरों में प्रार्थनाओं का समर्पण
और भूमि भीतर राम राज्य होने का प्रमाण हो, हाँ
आत्मा रामा आनंद रमना
अच्युत केशव हरि नारायण
आत्मा रामा आनंद रमना
अच्युत केशव हरि नारायण
आदिनारायण अनन्तशयना
आदिनारायण अनन्तशयना
सच्चिदानन्द सत्यनारायण
सच्चिदानन्द सत्यनारायण
आत्मा रामा आनंद रमना
आत्मा रामा आनंद रमना
अच्युत केशव हरि नारायण (रामा, रामा, रामा)
अच्युत केशव हरि नारायण (रामा, रामा, रामा)
(रामा, रामा, रामा)
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