तड़पे दिल भीगी ये नज़र मुझसे कहे शाम ओ शहेर कोई है खला रात दिन सीने में अश्को का ले के शगुन रहूं खुद में ही में मगन मेरी अब तू है यही दीवानगी मैं हूँ, दिल है और आवारगी है मैं हूँ, दिल है और आवारगी है मैं हूँ, दिल है और आवारगी है मैं हूँ, दिल है और आवारगी है आवारगी आवारगी आ आ आ मुझमे रहने का तू करले फ़ैसला मैं हूँ तेरा, तू है मेरा बाखुदा तू ही मुर्शिद, तू मुरब्बि है मेरा तू अकेला ही है मेरा काफिला मेरी अब तो है यही दीवानगी मैं हूँ, दिल है और आवारगी है मैं हूँ, दिल है और आवारगी है मैं हूँ, दिल है और आवारगी है आवारगी आवारगी आ आ आ आ