प्राण प्रिये तुम किसन हो मैं हूँ राधा तुम सुई हो मैं हु धागा फिर संगम क्यों हो आधा आ आधा आ आधा मैं भी बढिया तू भी बढिया शादी करले सांवरिया फूटेगी फिर फूलझाड़ियाँ बढिया बढिया मैं भी बढिया तू भी बढिया पर में आजाद हूँ चिड़िया रख तू अपनी फूलझाड़ियाँ बढिया बढिया चट मंगनी कर पट मंगनी मुझे पत्नी बनाले झटपट अपनी सुन पगली मैं हूँ छोरा जंगली अरे काहे को बनाना चाहे मेरी चटनी मैं भी बढिया तू भी बढिया पर में आजाद हूँ चिड़िया रख तू अपनी फूलझाड़ियाँ बढिया बढिया मैं भी बढिया तू भी बढिया शादी करले सांवरिया फूटेगी फिर फूलझाड़ियाँ बढिया बढिया नहीं प्रिये मैं भी बढिया तू भी बढिया पर में आजाद हूँ चिड़िया रख तू अपनी फूलझाड़ियाँ बढिया बढिया सुन सजना कल आया सपना सपने में मैंने देखा मंडप अपना सब तारे थे बाराती संग नाच रहे सूरज चंदा जाग जा रे पगली ये सपना नहीं है दुर्घटना, दुर्घटना सूरज से मंडप जल जायेगा मुझे नहीं पकना, नहीं पकना मैं भी बढिया तू भी बढिया हम क्यों फूके ये दुनिया रख तू अपनी फूलझाड़ियाँ बढिया बढिया तेरी बगिया में आके फूल खिला दूंगी मैं कर शादी अरे भूल जा तू फूल वूल बगिया में करनी है खेती बाड़ी आठ दस बच्चे होंगे तुतलायेंगे मम्मी डैडी मम्मी डैडी अभी क्या काम है जो हम भी बढ़ाएं दुनिया की आबादी अरे हम दो हमारे दो अपना लेंगे हम ये नारा ये नारा पालूंगा मैं दो भी कैसे नौकरी नहीं है मैं हूँ आवारा आवारा मैं बढ़िया तू भी बढ़िया पर पहले ढूंढो नौकरिया फोड़ेंगे फ़ी फुलझड़िया बढ़िया बढ़िया मैं बढ़िया तू भी बढ़िया दोनों आज़ाद है चिड़िया पहले ढूंढो नौकरिया बढ़िया बढ़िया मैं बढ़िया तू भी बढ़िया ढूंढूंगा मैं नौकरिया फूटेंगी फिर फुलझड़िया बढ़िया बढ़िया समझे हाँ? बढ़िया