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Rajab Ali - Faasle Aise Bhi Honge lyrics

Artist: Rajab Ali

album: Rajab Ali


आ...
आ...
आ...

फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था
फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था
सामने बैठा था मेरे, सामने बैठा था मेरे
और वो मेरा न था
फ़ासले ऐसे भी होंगे

आ...
आ...
वो के ख़ुशबू की तरह, फैला था मेरे चार सू

वो के ख़ुशबू...
ख़ुशबू, ख़ुशबू...
वो के ख़ुशबू की तरह, फैला था मेरे चार सू
मैं उसे महसूस कर सकता था, छू सकता न था
फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था

आ...
आ...
आ...
जो तो चहरे थे हज़ारों, अंजुमन में ज़ाफिशा
जो तो चहरे
चहरे...
चहरे...
जो तो चहरे थे हज़ारों, अंजुमन में ज़ाफिशा
आँख जिसको
आँख जिसको ढूँढ़ती थी, एक वो चहरा न था
फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था

याद कर के
याद कर के
याद, याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी अदीम

याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी अदीम
भूल जाने, भूल जाने के सिवा अब
भूल जाने के सिवा अब कोई भी चारा न था
फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था
सामने बैठा था मेरे, सामने बैठा था मेरे
और वो मेरा न था
फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था
आ...

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