आ... आ... आ... ♪ फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था सामने बैठा था मेरे, सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था फ़ासले ऐसे भी होंगे ♪ आ... आ... वो के ख़ुशबू की तरह, फैला था मेरे चार सू ♪ वो के ख़ुशबू... ख़ुशबू, ख़ुशबू... वो के ख़ुशबू की तरह, फैला था मेरे चार सू मैं उसे महसूस कर सकता था, छू सकता न था फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था ♪ आ... आ... आ... जो तो चहरे थे हज़ारों, अंजुमन में ज़ाफिशा जो तो चहरे चहरे... चहरे... जो तो चहरे थे हज़ारों, अंजुमन में ज़ाफिशा आँख जिसको आँख जिसको ढूँढ़ती थी, एक वो चहरा न था फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था ♪ याद कर के याद कर के याद, याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी अदीम ♪ याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी अदीम भूल जाने, भूल जाने के सिवा अब भूल जाने के सिवा अब कोई भी चारा न था फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था सामने बैठा था मेरे, सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था आ...