सब्र किया, दर्द सहे तेरी चौखट पे बैठे रहे भोले हम, भोले तुम और ज़माने की सुनते गए मेरी तूने ना सुनी एक भी कैसे तुमको पुकारूँ? आँसू बैठे कैद पलकों पे कैसे इनको बहाऊँ? इश्क़ किया मैंने हाँ मैं हारा, मैं हारा, मैं हारा इश्क़ किया मैंने हाँ मैं हारा, मैं हारा, मैं हारा