आपकी फ़रमाइश पे मैं सुना रहा हूँ ज़रा आहिस्ता चल ♪ दर्द की बारिश सही मध्धम, ज़रा आहिस्ता चल दर्द की बारिश सही मध्धम, ज़रा आहिस्ता चल दिल की मिट्टी है अभी तक नम, ज़रा आहिस्ता चल दर्द की बारिश सही मध्धम, ज़रा आहिस्ता चल ♪ तेरे मिलने और फिर तेरे बिछड़ जाने के बीच तेरे मिलने, मिलने, मिलने... तेरे मिलने... तेरे मिलने... तेरे मिलने और फिर तेरे बिछड़ जाने के बीच फ़ासला रुसवाई का है कम, ज़रा आहिस्ता चल फ़ासला रुसवाई का है कम, ज़रा आहिस्ता चल दर्द की बारिश सही मध्धम, ज़रा आहिस्ता चल ♪ अपने दिल ही में नहीं है उसकी महरूमी की याद अपने दिल ही में नहीं है उसकी महरूमी की याद उसकी आँखों में भी है शबनम, ज़रा आहिस्ता चल उसकी आँखों में भी है शबनम, ज़रा आहिस्ता चल दर्द की बारिश सही मध्धम, ज़रा आहिस्ता चल ♪ (ग़ज़ल का मक़ता अर्ज़ है) कोई भी हो हमसफ़र, राशिद ना हो खुश इस क़दर कोई भी हो हमसफ़र, राशिद ना हो खुश इस क़दर -ना हो खुश इस क़दर कोई भी हो हमसफ़र, राशिद ना हो खुश इस क़दर अब के लोगों में वफ़ा है कम, ज़रा आहिस्ता चल अब के लोगों में वफ़ा है कम, ज़रा आहिस्ता चल दर्द की बारिश सही मध्धम, ज़रा आहिस्ता चल दिल की मिट्टी है अभी तक नम, ज़रा आहिस्ता चल हो, ज़रा आहिस्ता चल हो, ज़रा आहिस्ता चल हो, ज़रा आहिस्ता चल हो, ज़रा आहिस्ता चल ज़रा आहिस्ता चल