कैसे कहूँ तुमसे कि तुम मेरे लिए क्या हो माँगा था जो रब से, हाँ, वो दुआ हो तुम तेरे बिना लगता नहीं दिल मेरा (नहीं दिल मेरा) Mm-mm-mm, रह जाएगी कहानी मेरी अधूरी जो तू ना मिला "मेरी बनोगी क्या? मेरी रहोगी क्या?" पूछे दिल मेरा तुमसे यही मेरी बनोगी क्या? मेरी रहोगी क्या? अब तो आदत लगी है तेरी वादे तो मैं करता नहीं चाँद तारों के पर ख़ुशियाँ सभी, ख़्वाहिश तेरी पूरी कर दूँ मैं अब जीना नहीं तेरे बिना संग रहना मुझे है तेरे क़रीब मेरी धड़कन तुम्हीं, साँसें भी बस कहता है तुमसे यही "मेरी बनोगी क्या? मेरी रहोगी क्या?" पूछे दिल मेरा तुमसे यही मेरी बनोगी क्या? मेरी रहोगी क्या? अब तो आदत लगी है तेरी मेरा सब से ख़ूबसूरत एहसास हो तुम कभी सोचो, कितनी ख़ास हो तुम रह जा बन के मेरी, तुझको ही चाहूँ मैं सदा एक-दूजे से कभी ना हों हम जुदा मेरी बनोगी क्या?