आँखों में तेरी अजब सी, अजब सी अदाएँ हैं हो, आँखों में तेरी अजब सी, अजब सी अदाएँ हैं दिल को बना दें जो पतंग, साँसें ये तेरी वो हवाएँ हैं आँखों में तेरी अजब सी, अजब सी अदाएँ हैं हो, आँखों में तेरी अजब सी, अजब सी अदाएँ हैं दिल को बना दें जो पतंग, साँसें ये तेरी वो हवाएँ हैं आई ऐसी रात है जो बहुत खुशनसीब है चाहे जिसे दूर से दुनिया वो मेरे क़रीब है कितना कुछ कहना है, फिर भी हैं दिल में सवाल कहीं सपनों में जो रोज़ कहा है वो फिर से कहूँ या नहीं? आँखों में तेरी अजब सी, अजब सी अदाएँ हैं हो, आँखों में तेरी अजब सी, अजब सी अदाएँ हैं दिल को बना दें जो पतंग, साँसें ये तेरी वो हवाएँ हैं तेरे साथ-साथ ऐसा कोई नूर आया है चाँद तेरी रोशनी का हलका सा एक साया है तेरी नज़रों ने दिल का किया जो हश्र, असर ये हुआ अब इनमें ही डूब के हो जाऊँ पार, यही है दुआ आँखों में तेरी अजब सी, अजब सी अदाएँ हैं हो, आँखों में तेरी अजब सी, अजब सी अदाएँ हैं दिल को बना दें जो पतंग, साँसें ये तेरी वो हवाएँ हैं