Kishore Kumar Hits

Ritviz - Chalo Chalein lyrics

Artist: Ritviz

album: Dev


चलो, चलें नील गगन को
चलो, चलें नील गगन को
उड़ कर, चल कर, श्वेत पवन को
उड़ कर, चल कर, श्वेत पवन को
चलो, चलें नील गगन को
चलो, चलें नील गगन को
सामान बाँध, सोचा नहीं दो बार
इन शहरों की गिरफ़्त से भगा मैं
एक गहरी साँस लेके सब भूला
भाई, जादू सा है कुछ इस हवा में
झंझट से दूर हूँ, पड़ोसी की BT नहीं सुनी आज
जाओ करो जो करना, नहीं डरना
कुछ अभी भी सोचें, "क्या सोचेगी दुनिया"?
रहने दो यहाँ, जाना मुझे घर नहीं (घर नहीं)
इन कुविचारों की है जड़ वही
ये जो चमके तारे मेरे पे पूरी रात हैं
प्रकृति साथ है, whoa
जो क़रीब पास नहीं, हम ग़रीब आदमी
फ़िर भी जीत जारी, ayy
अतीत की चादर ओढ़े खोया आज उन गुफ़ाओं में
है चंदा जा के पीछे छिपता रात इन पहाड़ों के
चमकता जुगनू जैसे तारे लाख इन फ़िज़ाओं में
लपक के बाँधा मैंने फ़ीता, छाप छोड़े चला (चला)
मुझे किस-किस ने क्या-क्या कहा (कहा)
भटकता रहा मैं सिर्फ़ आवारा (ah)
मैं एक बादल, मैं चलता रहा
गगन बरस पड़ा तो वाह-वाह!
चलो, चलें नील गगन को
चलो, चलें नील गगन को

उड़ कर, चल कर, श्वेत पवन को
चलो, चलें नील गगन को
चलो, चलें नील गगन को

Поcмотреть все песни артиста

Other albums by the artist

Similar artists