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Amit Trivedi - Dheere Dheere (From "Thai Massage") lyrics

Artist: Amit Trivedi

album: Dheere Dheere (From "Thai Massage")


धीरे-धीरे धीमी हुई आँच अगन में
लाखों संदेह के भी पंछी हैं मन में
हारूँगा ना, हारूँगा ना मन से कहूँ
ढीली-ढाली राहों पे मैं तन के रहूँ
माना मन बेमज़ा है, जीना भी एक सज़ा है
धरा जहाँ धीमी वहाँ चढ़ना भी है
रुका हुआ राही आगे बढ़ना भी है
धीरे-धीरे धीमी हुई आँच अगन में
लाखों संदेह के भी पंछी हैं मन में

हो, जहाँ मैंने जाना जगमग जगा है
कहते "स्वर्ग" हैं वहाँ
हो, यहीं कहीं धरती पे स्वर्ग है तो देखूँ मैं
मरने पे जग मर जाना
साँसों की थाड़ी ये चरती है चर जावे
जाना है सबको वहाँ
माना मन बेमज़ा है, जीना भी एक सज़ा
धरा जहाँ धीमी वहाँ चढ़ना भी है
रुका हुआ राही आगे बढ़ना भी है
धीरे-धीरे धीमी हुई आँच अगन में
लाखों संदेह के भी पंछी हैं मन में
(मन में, मन में)
(मन में, मन में)

हो, मैंने छोड़ा पीछे दुनिया के डर को
पहले समय ना रहा
अभी-अभी थामा मैंने मर्जी के हाथ को
चला जहाँ मैंने चाहे जाना
"साँसों की माला में मर्ज़ी का धागा हो"
संतो ने है ये कहा
माना मन बेमज़ा है, जीना भी एक सज़ा है
धरा जहाँ धीमी वहाँ चढ़ना भी है
रुका हुआ राही आगे बढ़ना भी है
हो, धीरे-धीरे धीमी हुई आँच अगन में
लाखों संदेह के भी पंछी हैं मन में

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