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Farhan Akhtar - Dil Dhadakne Do lyrics

Artist: Farhan Akhtar

album: Dil Dhadakne Do


हर दिल की अपनी ही ताल है
अपना ही एक राग है
हर दिल की अपनी धड़कने
अपनी ही इक आग है
जज़्बात पिघले-पिघले
है तो क्यूं ना हो (अा)
खयालात बहके-बहके
है तो क्यूं ना हो
(हर दिल धड़कने दो)
(दिल धड़कने दो) दिल धड़कने दो
लोग क्या कहेंगे छोड़ो सारे ऐसे तुम बहाने
(दिल धड़कने दो)
हर लम्हें को जो पूरी तरह से नहीं जी सके
हाथों में उसके हो जाम फिर भी नहीं पी सके
ज़िन्दगी है क्या, जाने वो क्या
खुशियों को पहचाने वो क्या
हम तो यही समझाएंगे उसे
सपने जो हैं सजाने थोड़े से बनो दीवाने
(दिल धड़कने दो)
दिल (दिल धड़कने दो)
(दिल धड़कने दो) दिल धड़कने दो
दुनिया जो बुरा माने बनके तुम अंजाने
(दिल धड़कने दो)
ज़िन्दगी के सौ रंग हैं
ये बात सुन लो, जान लो
सबके अपने ही ढंग हैं
ये बात समझो, मान लो (समझो, मान लो)
कोई जो खोया-खोया
है तो क्यूं ना हो
कोई जो बदला-बदला
है तो क्यों ना हो
हर दिल की अपनी ही ताल है
अपना ही एक राग है
हर दिल की अपनी धड़कने
अपनी ही इक आग है
जज़्बात पिघले-पिघले
है तो क्यूं ना हो
खयालात बहके-बहके
है तो क्यूं ना हो
(दिल धड़कने दो)
(दिल धड़कने दो) दिल धड़कने दो
दुनिया जो बुरा माने बनके तुम अंजाने
(दिल धड़कने दो)
ओ ओ ओ ओ
(दिल धड़कने दो) दिल धड़कने दो
हो सपने जो है सजाने थोड़े से बनो दीवाने
दुनिया जो बुरा माने बनके तुम अंजाने
लोग क्या कहेंगे छोड़ो सारे ऐसे तुम बहाने
दिल धड़कने दो

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