ये तुम्हारी-मेरी बातें हमेशा यूँ ही चलती रहें ये हमारी मुलाक़ातें हमेशा यूँ ही चलती रहें बीतें यूँ ही अपने सारे दिन-रात बातों से निकलती रहे नई बात फिर वही बातें लेके गीत कोई हम लिखें जो दिल को, हाँ, सब के दिल को छू ले बातें सुरों में यूँ ही पिघलती रहें बातें गीतों में यूँ ही ढलती रहें ♪ गीतों में हर ग़म को ख़ुशियों से हम सजा दें जो सुने, कहे वो हमसे, "कहो ना" ये तुम्हारी-मेरी बातें हमेशा यूँ ही चलती रहें ये हमारी मुलाक़ातें हमेशा यूँ ही चलती रहें बीतें यूँ ही अपने सारे दिन-रात बातों से निकलती रहे नई बात फिर वही बातें लेके गीत कोई हम लिखें जो दिल को, हाँ, सब के दिल को छू ले बातें सुरों में यूँ ही पिघलती रहें बातें गीतों में यूँ ही ढलती रहें