अपनी बाँहों में मुझको समेटे हुए अपनी बाँहों में मुझको समेटे हुए तन से आँचल की सूरत लपेटे हुए गीले बिस्तर पे सर्दी में लेटे हुए गीले बिस्तर पे सर्दी में लेटे हुए सुबह होने पे कुछ देर सोती है माँ, ऐसी होती है माँ ऐसी होती है माँ, ऐसी होती है माँ ऐसी होती है माँ, ऐसी होती है माँ ♪ आसमानों से परियाँ बुलाती है वो थपकियाँ दे के लोरी सुनाती है वो चंदा मामा का चेहरा दिखाती है वो फूल ममता के यूँ भी पिरोती है माँ, ऐसी होती है माँ ऐसी होती है माँ, ऐसी होती है माँ ऐसी होती है माँ, ऐसी होती है माँ ♪ ग़म का एहसास भी तुझको होने ना दूँ तुझको अश्कों की माला पिरोने ना दूँ दुख के मौसम में भी तुझको रोने ना दूँ तेरा हर आँसू सच्चा मोती है, माँ, ऐसी होती है माँ ऐसी होती है माँ, ऐसी होती है माँ ऐसी होती है माँ, ऐसी होती है माँ ऐसी होती है माँ, ऐसी होती है माँ ऐसी होती है माँ, ऐसी होती है माँ