सपने हैं सूनी आंखे जाने क्यों खो गए सोचा था, साहिल पे मिलेगा थेहरा सा एक पल एक पल ♪ चाँदनी हैं ये रातें फिर भी टूटे सितारे ढूंढते हैं ये ज़मीन पे थेहरा सा एक पल एक पल अंधेरी दास्तां खो गए कहाँ हम तो रेह गए फिर वहीं ♪ आती है एक सदा वादियों से कहीं अजनबी राहों पे मिलेगा थेहरा सा एक पल एक पल अंधेरी दास्तां खो गए कहाँ हम तो रेह गए फिर वहीं