मैं कभी, बतलाता नहीं पर अंधेरे से डरता हूँ मैं माँ यूँ तो मैं, दिखलाता नहीं तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ तुझे सब है पता, है न माँ तुझे सब है पता... मेरी माँ ♪ भीड़ में, यूँ ना छोड़ो मुझे घर लौट के भी आ ना पाऊँ माँ भेज ना इतना दूर मुझको तू याद भी तुझको आ ना पाऊँ माँ क्या इतना बुरा हूँ मैं माँ क्या इतना बुरा... मेरी माँ ♪ जब भी कभी पापा मुझे जो ज़ोर से झूला झुलाते हैं माँ मेरी नज़र ढूँढे तुझे सोचूं यही तू आ के थामेगी माँ उनसे मैं, ये कहता नहीं पर मैं सहम जाता हूँ माँ चेहरे पे, आने देता नहीं दिल ही दिल में घबराता हूँ माँ तुझे सब है पता है न माँ तुझे सब है पता... मेरी माँ ♪ ओ... मैं कभी, बतलाता नहीं पर अंधेरे से डरता हूँ मैं माँ यूँ तो मैं, दिखलाता नहीं तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ तुझे सब है पता, है न माँ तुझे सब है पता... मेरी माँ