तुझ को बना दूँ मैं अपना ख़ुदा और सजदे तेरे कर सकूँ माँगूँ दुआ साथ होने की तेरे काँधे पे सर रख सकूँ धागा एक बाँधूँ, तुझ को मन्नत बना लूँ काग़ज़ पे दिल के तेरी सूरत बना लूँ छूटे कभी ना, वो आदत बना लूँ आ, शिद्दत बना लूँ तुझे क़िस्मत बना लूँ, मेरी चाहत बना लूँ दिल से मैं माँगूँ, इबादत बना लूँ छूटे कभी ना, वो आदत बना लूँ आ, शिद्दत बना लूँ तुझे क़िस्मत बना लूँ, मेरी चाहत बना लूँ दिल से मैं माँगूँ, इबादत बना लूँ छूटे कभी ना, वो आदत बना लूँ आ, शिद्दत बना लूँ तुझे ♪ क्यूँ ये हदें हैं? ये क्यूँ सरहदें हैं? इतने हैं क्यूँ फ़ासले? मंज़िल तेरी-मेरी जब एक है तो क्यूँ हैं अलग रास्ते? इश्क़ की ऐसी कहावत बना लूँ पानी पे लिख दूँ, लिखावट बना लूँ गूँजे सदा, वो आहट बना लूँ आ, शिद्दत बना लूँ तुझे दिल की मैं तुझ को सजावट बना लूँ कुछ भी ना बोलूँ, मुस्कुराहट बना लूँ बरसे, ख़ुदा की वो बरक़त बना लूँ आ, शिद्दत बना लूँ तुझे क़िस्मत बना लूँ, मेरी चाहत बना लूँ दिल से मैं माँगूँ, इबादत बना लूँ छूटे कभी ना, वो आदत बना लूँ आ, शिद्दत बना लूँ तुझे ये खारा समंदर मेरा गवाह है इश्क़ है मेरा या मेरा गुनाह है? तुझ को सज़ा और अदालत बना लूँ आ, शिद्दत बना लूँ तुझे