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Mohammed Irfan - Dil Ke Zakkham lyrics

Artist: Mohammed Irfan

album: Dil Ke Zakkham


दिल के ज़ख्म तो दिखते नहीं
दिल के ज़ख्म तो दिखते नहीं
कैसे तुझको दिखलाऊँ मैं
नादान है कुछ समझे नहीं
कैसे तुझको समझाऊँ मैं?
कैसे तुझको समझाऊँ मैं?
दिल के ज़ख्म तो दिखते नहीं

दर्द बयाँ करने लगी अब मेरी तनहाईयाँ
बन गई हैं मेरी जुबाँ ये मेरी खामोशियाँ
दर्द बयाँ करने लगी अब मेरी तनहाईयाँ
बन गई हैं मेरी जुबाँ ये मेरी खामोशियाँ
खामोशियों की आवाज़ को
कैसे तुझको सुनाऊँ मैं?
नादान है कुछ समझे नहीं
कैसे तुझको समझाऊँ मैं?
दिल के ज़ख्म तो दिखते नहीं

हैरान हूँ, जाने ना तू अनजानी इस प्यास को
छू के कभी देखे नहीं तू मेरे एहसास को
हैरान हूँ, जाने ना तू अनजानी इस प्यास को
छू के कभी देखे नहीं तू मेरे एहसास को
तेरे लिए क्या शिद्दत मेरी
कैसे तुझको बतलाऊँ मैं?
नादान है कुछ समझे नहीं
कैसे तुझको समझाऊँ मैं?
दिल के ज़ख्म तो दिखते नहीं

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