Kishore Kumar Hits

Saby Singh - Saazishein (Acoustic) lyrics

Artist: Saby Singh

album: Saazishein (Acoustic)


क्या कहें, आँखों से लाज़मी है
जो छुपा गर्दिश में साँसों की, सनम
रहने दो, हर कोशिश फ़िज़ूल है
खुले पड़े सब ज़ुल्म के सबूत हैं
काग़ज़ी बदन पे मेरा नाम था
मख़मली लबों से मेरा जाम था
हसीं नज़र हुई इश्क़ की दुकान है
बे-नज़र हुए आशिक़ तमाम हैं
साज़िशें हो रही हैं इश्क़ में
ख़्वाहिशें मर रही हैं इश्क़ में
साज़िशें हो रही हैं इश्क़ में
ख़्वाहिशें मर रही हैं इश्क़ में
(इश्क़ में, इश्क़ में)
(इश्क़ में, इश्क़ में)

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