मेरी १०० बिमारियों का तू इलाज है तू ही मेरा बीता वक़्त, तू ही आज है दिन, महीने, साल, कम पड़ेंगे संग तेरे ज़िंदगी जो माँगू पूरी, क्या ख़्याल है? माना दिल डरा हुआ है तेरी सामने दिल को मेरे क्या हुआ है तेरे आने से? सारी ज़िंदगी मेरी है तेरी नाम ही सिर्फ़ साल माँगना तो बेतुका सवाल है मैं था वहीं खड़ा, आई तू बनके हवा महक गया है मेरा जहाँ (महक गया है मेरा जहाँ) नज़र ठहर गई, इसी पहर कहीं आई जो सामने तू यहाँ मन मेरा ना माने, तू जो साथ आए छूना चाहता है आसमाँ ♪ मैं हूँ एक पतंग, तू हवाओं की रवानी किसी किताब में कहानियाँ पुरानी तेरे संग है ख़ामोशियाँ भी सुहानी तुम्हें ही सारे दिन की बातें है सुनानी क्यूँ ना मैं सुन सकूँ तेरी ज़ुबान से दूसरों की दास्ताँ? मेरे बारे में तू है जब भी सोचता ये मेरे १०० जहाँ हैं जगमगाते