दिल क्या मेरा गा रहा है सुनो इसकी तरानों में तुम ही तो हो सब हार के भी मिले तू अगर तो हारूँ मैं सारा जहां लफ़्ज़ कई जानती है ज़ुबां फिर नाम से आगे बढ़े पर कहाँ? कदम ये मेरे लड़खड़ाने लगे नशा है तेरे प्यार का जो तुम हो आ गये कट जायेगी उम्र यूँ है तुमसे कभी कहा भी नहीं तो लो कह दिया शाम शबनमी, मखमली सी रात है है तुमसे कभी कहा भी नहीं तो लो कह दिया ♪ साँझ में, सवेरे में भी लेता तेरा नाम दिल से ये ख़ता हुई जो है, उसे सलाम साँझ में, सवेरे में भी लेता तेरा नाम दिल से ये ख़ता हुई जो है, उसे सलाम बातें अधूरी मेरी इन्हें आदतें हैं तेरी तू कुछ भी है कह दे तो हो जाऐंगे ये मुकम्मल यहीं हवा है गा रही पंक्षी गुनगुना रहे है तुमसे कभी कहा भी नहीं तो लो कह दिया जो तुम हो आ गये कट जायेगी उम्र यूँ है तुमसे कभी कहा भी नहीं तो लो कह दिया शाम शबनमी, मखमली सी रात है है तुमसे कभी कहा भी नहीं तो लो कह दिया