ये आ गये किस गली हम कहाँ! यादें तेरी बन गयीं हैं धुआं जिन्हें ले के रातों में सोते थे हम तकिये के नीचे से ग़ुम हैं कहाँ! तो, तेरा-मेरा साथ यहीं तक था फिर मिलेंगे हम कहाँ? मेरी हँसी है कह रही शायद है ये अलविदा तेरा-मेरा साथ यहीं तक था फिर मिलेंगे हम कहाँ? मेरी हँसी है कह रही शायद है ये अलविदा ♪ राह में गिर पड़े भी जो हम खुद से ही अब उठेंगे कदम ये हँवाये भी ताजी लगे ख्वाहिशें मुझसे राजी लगे राहें भी जब सिमट जायेंगे खुद नई राह बन जायेंगे ऐसे ही तो चले है जहां इतनी भी मुश्किलें हैं कहाँ! तेरे साथ ही चलता था माना तू था हमसफ़र अब अकेले ही सही पर कट जायेगा सफ़र तेरा-मेरा साथ यहीं तक था फिर मिलेंगे हम कहाँ? मेरी हँसी है कह रही शायद है ये अलविदा ♪ अलविदा