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Rani Mukherjee - Muskaanein Jhooti Hai lyrics

Artist: Rani Mukherjee

album: Talaash


रात में ही जागते हैं
ये गुनाहों के घर
इनकी राहें खोले बाँहें
जो भी आए इधर

ये है गुमराहों का रास्ता
मुस्कानें झूठी है
पहचानें झूठी है
रंगीनी है छाई
फिर भी है तन्हाई
कल इन्हीं कलियों में, इन मसली कलियों में
तो ये धूम थी
जो रूह प्यासी है, जिसमें उदासी है
वो है घूमती
सबको तलाश वही
समझे ये काश कोई

ये है गुमराहों का रास्ता
मुस्कानें झूठी है
पहचानें झूठी है
रंगीनी है छाई
फिर भी है तन्हाई
हल्के उजालों में
हल्के अँधेरों में जो इक राज़ है
क्यूँ खो गया है वो?
क्या हो गया है कि वो नाराज़ है?
ऐ रात, इतना बता
तुझको तो होगा पता

ये है गुमराहों का रास्ता
मुस्कानें झूठी है
पहचानें झूठी है
रंगीनी है छाई
फिर भी है तन्हाई
मुस्कानें झूठी है
पहचानें झूठी है
रंगीनी है छाई
फिर भी है तन्हाई

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