आधी रात जब चाँद ढले और कोई ना हो पिछवाड़े में चाप दबा के थाड़ी रहियो तू आड़े में आधी रात जब चाँद ढले और कोई ना हो पिछवाड़े में चाप दबा के थाड़ी रहियो तू आड़े में मिन्नत करें, ना मानियो पय्याँ पड़ें, ना मानियो अगर वो "हाँ" कह दे ना कहना, वो "ना" कह दे "हाँ" कहना जान की क़सम दी तो? आधी रात जब चाँद ढले और कोई ना हो पिछवाड़े में चाप दबा के थाड़ी रहियो तू आड़े में मिन्नत करें, ना मानियो पय्याँ पड़ें, ना मानियो ♪ जेवर ना बोले कोई, घूँघट ना खोले कोई अखियाँ दिखा दिजियो बाताँ में उलझाए तो, पूछे जो समझाए तो मुंडेयाँ हिया दिजियो दरवाजे से कान लगा के सुनती होंगी सब सखियाँ लाज-वाज को छोड़-छाड़ कर कुंडी किवाड़े में मिन्नत करें, ना मानियो पय्याँ पड़ें, ना मानियो ♪ जा-जा, ना डाल पहेली बरसों के बाद, सहेली, जगने की रात आई है देखा करती थी सपना सपने को आख़िर अपना कहने की रात आई है देख पराए ख़समों से तू जलती क्यूँ है? ब्याह कर ले दूर-दूर से ताक-झाँक मत, आजा अखाड़े में आधी रात जब चाँद ढले और कोई ना हो पिछवाड़े में चाप दबा के थाड़ी रहियो तू आड़े में मिन्नत करें, ना मानियो पय्याँ पड़ें, ना मानियो ♪ गुड़िया पटोले मोरे डोली में रखवा दीजो नानी कहानी लावे भैया को बुलवा दीजो डोली गली में खड़ी, डोली गली में खड़ी ♪ मैयाँ को लेकर जावे, संग भिजा सहेली बाबुल रे बाबुल तोरी जाई ना जाए अकेली, जाई ना जाए अकेली डोली गली में खड़ी, डोली गली में खड़ी डोली गली में खड़ी, डोली गली में खड़ी