पता नहीं किस रूप में आकार... पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पाएगा साधन तेरा कच्चा है जब तक प्रभु पर विश्वास नहीं मंजिल कर पाना है क्या, जब दीपक में प्रकाश नहीं साधन तेरा कच्चा है जब तक प्रभु पर विश्वास नहीं मंजिल कर पाना है क्या, जब दीपक में प्रकाश नहीं निश्चय है तो भव सागर से... निश्चय है तो भव सागर से बेड़ा पार हो जाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुटाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा दौलत का अभिमान है झूठा, यह तो आनी-जानी है राजा, रंक अनेक हुए, कितनों की सुनी कहानी है दौलत का अभिमान है झूठा, यह तो आनी-जानी है राजा, रंक अनेक हुए, कितनों की सुनी कहानी है राम-नाम पे ये महामंत्र ही... राम-नाम पे ये महामंत्र ही साधक मारे जाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पाएगा राम नाम के साबुन से जो... राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पाएगा