बचपन से सोचा, "कैसा होगा बड़ा होना?" हर बात पे चुप हुआ रंडी-रोना पहली बार जब ज़िन्दगी में हुआ धोका ऐसा लगा दोबारा ना मिलेगा ये मौका खुद को रोका, खुद को टोका बोलती मैं सच जानने के लिए छोटा खुद को कोसा, खुद को बोला "ये प्यार बस एक बार का ही होता" पहचान बढ़ती मेरी खौफ़नाक रूप से शक्तिशाली बनता बंदा बार-बार टूट के सूट में बैठे मेरो जैसे कलाकार, लूटने loop पे चलता मेरा गाना radio booth पे भूलते जो सपने देखे school में आएँगे मेरे fan मुझसे मिलने shoot पे रूठते, फिर दिक्कतों को भूल कर झूलते ग़लत मोड़ पे खड़ी हैं मेरी ज़िन्दगी दिमाग़ और दिल के बीच जो अटकी मेरी ज़िन्दगी गिर के उठने का नाम ही हैं "ज़िन्दगी" Road से करोड़ तक ही हैं ये ज़िन्दगी ग़लत मोड़ पे खड़ी हैं मेरी ज़िन्दगी दिमाग़ और दिल के बीच जो अटकी मेरी ज़िन्दगी गिर के उठने का नाम ही हैं "ज़िन्दगी" Road से करोड़ तक ही हैं ये ज़िन्दगी पहले एक दिन लगता पूरा साल था पता ना चलता अब साल भी कहाँ गया पहले साथ दोस्तों का झुंड खेलता था सोचता हूँ उनकी मंज़िलों में क्या लिखा था चोटे खाके सीखा लड़ने का तरीका सब कुछ पाकर कुछ भी ना जीता हाँ, मैं जीता, दुनिया का रंग पड़ा फ़ीका हाँ, मैं चिखा सोच-सोच के जो मुझपे बिता घुटनों पे रोती वो मेरी आख़िरी याद है मुझसे पहले भी वो और किसी के साथ है क्या करूँ जब मेरे सीने में लगती आग हैं? प्यार करने का मिलता कैसा ये इनाम हैं धीरे-धीरे घुटता दम हर रात हैं गुज़ारा जितना वक़्त लगता अब पाप हैं पूरा करता कोई और उसके ख़्वाब है फिर भी रहना चाहती वो मेरे साथ हैं ग़लत मोड़ पे खड़ी हैं मेरी ज़िन्दगी दिमाग़ और दिल के बीच जो अटकी मेरी ज़िन्दगी गिर के उठने का नाम ही हैं "ज़िन्दगी" Road से करोड़ तक ही हैं ये ज़िन्दगी ग़लत मोड़ पे खड़ी हैं मेरी ज़िन्दगी दिमाग़ और दिल के बीच जो अटकी मेरी ज़िन्दगी गिर के उठने का नाम ही हैं "ज़िन्दगी" Road से करोड़ तक ही हैं ये ज़िन्दगी ग़लत मोड़ पे खड़ी हैं मेरी ज़िन्दगी दिमाग़ और दिल के बीच जो अटकी मेरी ज़िन्दगी गिर के उठने का नाम ही हैं "ज़िन्दगी" Road से करोड़ तक ही हैं ये ज़िन्दगी ज़िन्दगी गिर के उठ Road से करोड़ तक ही हैं ये ज़िन्दगी