दीवाने... दीवाने... दीवाने... दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं खिड़की पे आऊँ ना, बाहर ना जाऊँ कैसे मैं सारा दिन घर में बिताऊँ? नज़रें मिलाऊँ तो मैं कैसे मिलाऊँ? दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं छुप के से, चोरी से मिलने वो आया प्यार भी चोरी से उसने जताया ना-ना, जोगी, मैंने तो गुस्सा दिखाया दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं (हाँ) दिल में बसी हूँ मैं, सपनों में आऊँ सपनों में आके मैं सबको सताऊँ लाखों हैं मजनू किसको अपना बनाऊँ? दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं दीवाने... दीवाने... दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं दीवाने लोगों से जवानी मैं छुपाऊँ रे जीना है भारी मेरा कैसे ये बताऊँ रे? मेरी अदाओं पे तो मचले-मचले हैं सारे मैं दिल सँभालूँ कैसे? बहके-बहके हैं सारे मेरे लिए हैं सारे अब तक कुँवारे (हाँ) दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं (हाँ) दीवाने... दीवाने... दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं मुझको बुलाते हैं दीवाने ये बहाने से शोर मचाते हैं हमेशा मेरे आने से सब के होठों पे यारों मेरा ही है तराना किस को मैं अपना समझूँ? किसको समझूँ बेगाना? मेरे बिना तो सारे हैं ये बेचारे दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं दीवाने, दीवाने तो दीवाने हैं (हाँ) दीवाने... दीवाने...