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Chirantan Bhatt - Sau Baras lyrics

Artist: Chirantan Bhatt

album: Haunted


१०० बरस गुज़रे रात हुए
१०० बरस गुज़रे दिन हुए
१०० बरस गुज़रे चाँद दिखे
१०० बरस गुज़रे बिन जीए
क्यूँ पल ठहरता है ये?
क्यूँ वक़्त बदलता नहीं है?
ये राह सूनी है क्यूँ?
क्यूँ कोई निकलता नहीं है?
१०० बरस गुज़रे साँस लिए
१०० बरस गुज़रे बिन जीए

पलकें हैं ख़्वाबों से ख़ाली
दिल है कि बंद कोई घर
कभी रंग थे नैनों में
कभी दिल को लगते थे पर
वो रात सहेली मेरी
सब तारें चुरा ले गई है
वो दिन जो था मेरा
अब वो भी मेरी नहीं है
है ख़फ़ा मुझसे यार मेरे
क्या पता कब ये फिर मिले!

हम तो चराग़ों से जल के बैठे हैं उम्मीद में
क्या जाने ये किसका रहे इंतज़ार हमें!
कोई छू ले मुझे
क्यूँ आख़िर ये लगता है दिल को
साँसें बंद है तो क्या है!
अभी भी धड़कता है दिल तो
ये तड़प कोई ना आस दे
नासमझ यूँ ही दिल है ये
१०० बरस गुज़रे रात हुए
१०० बरस गुज़रे दिन हुए

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