दूरी तेरी दूर बहोत है ♪ मन मेरा मज़बूर बहोत है ♪ इंतज़ार भी हार गया है ♪ कमी-कमी तेरी कमी बहोत है जान ही मेरा ले गया मेरी जान मैं क्या करूँ-करूँ? मैं क्या करूँ? ग़म-ए-ज़ुदाई दिल ये सह रहा अश्क़-अश्क़ में इश्क़ बह रहा बन गई हूँ मैं ग़म का दरिया जान ही मेरा ले गया मेरी जान मैं क्या करूँ? मैं क्या करूँ? मेरी जान