मुझमें बातें कुछ छुपी हैं कह दूँ क्या आके मैं तेरे क़रीब? मुझको सुनो ना ♪ मुझमें बातें कुछ छुपी हैं कह दूँ क्या आके मैं तेरे क़रीब? मुझको सुनो ना क्यूँ तेरा है ज़िक्र, बस तेरा बता दूँ क्या मैं आके तेरे क़रीब? मुझको सुनो ना तुझको ही पाऊँ मैं ख़ुद में क्यूँ अब मुझको ख़्वाबों सा सबकुछ लगे कह दूँ क्या आके तेरे क़रीब? मुझको सुनो ना तुझको ही पाऊँ मैं ख़ुद में क्यूँ अब मुझको ख़्वाबों सा सबकुछ लगे कह दूँ क्या आके तेरे क़रीब? मुझको सुनो ना ♪ क्यूँ बे-सबर सी हैं शामें मेरी क्यूँ बे-वजह थम सी जाए साँसें मेरी, साँसें मेरी क्यूँ बे-सबर सी हैं शामें मेरी क्यूँ बे-वजह थम सी जाए साँसें मेरी, साँसें मेरी क्यूँ बे-ख़बर सी है मंज़िल मेरी जाने कहाँ चलती जाए राहें मेरी, राहें मेरी क्यूँ सबकुछ अलग है तेरे होने से ऐसा क्यूँ है? कहो ना दिल में मेरे छुपा जो भी है बिन कहे सब सुन लो ना तुझको ही पाऊँ मैं ख़ुद में क्यूँ अब मुझको ख़्वाबों सा सबकुछ लगे कह दूँ क्या आके तेरे क़रीब? मुझको सुनो ना तुझको ही पाऊँ मैं ख़ुद में क्यूँ अब मुझको ख़्वाबों सा सबकुछ लगे कह दूँ क्या आके तेरे क़रीब? मुझको सुनो ना