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Akhil Sachdeva - DOOR HO GAYA (REPRISE) lyrics

Artist: Akhil Sachdeva

album: DOOR HO GAYA (REPRISE)


आँसुओं का शहर मैं बन गया
मैंने जबसे तुझे है खो दिया
आँखें तेरी भी नम थीं हुई
दर्द से दिल तेरा भी रो दिया
ना मैंने तोड़ा दिल तेरा
ना ही तूने कभी मेरा
रब्बा, तू ही बता क्यूँ ये हो गया? Hey
दूर हो गया, क्यूँ तू दूर हो गया?
रब को ये कैसे मंज़ूर हो गया?
दूर हो गया, क्यूँ तू दूर हो गया?
रब को ये कैसे मंज़ूर हो गया?
दूर हो गया, क्यूँ तू दूर हो गया?
रब को ये कैसे मंज़ूर हो गया?
दूर हो गया, दूर हो गया
दूर हो गया, hey, दूर हो गया
खो कर मेरे हाथों से तेरी लकीरें
मैंने खोईं तक़दीरें, मेरा ग़ुरूर खो गया
खोया, तेरे साथ जिए जो सँवेरे
तेरी शाम वो दोपहरें, वो फ़ितूर खो गया
ना मैंने छोड़ी थी ख़ुदाई, क्यूँ ये मिली है जुदाई?
आँख भर आई, सपना चूर हो गया
साँसें थोड़ी सी बची हैं, जिनमें तू ही तू बसी है
तू ही साँस लेने की वजह
ना मैंने तोड़ा दिल तेरा
ना ही तूने कभी मेरा
रब्बा, तू ही बता क्यूँ ये हो गया? हो
दूर हो गया, क्यूँ तू दूर हो गया?
रब को ये कैसे मंज़ूर हो गया?
दूर हो गया, क्यूँ तू दूर हो गया?
रब को ये कैसे मंज़ूर हो गया?
दूर हो गया, क्यूँ तू दूर हो गया?
रब को ये कैसे मंज़ूर हो गया?
दिल ये कह रहा बेचारा, लौट आएगा तू, यारा
तब ये कह दूँगा ख़ुदा से, साथ टूटे ना हमारा
कब तक दूर यूँ रहेंगे? यूँ ही यादों में जलेंगे?
आजा, थाम ले मुझे, फिर मुझको जीना है दोबारा
दूर हो गया, हो गया
दूर हो गया, hey, दूर हो गया

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