उस बेवफ़ा की याद में मर-मर के जी रहा हूँ उस बेवफ़ा की याद में मर-मर के जी रहा हूँ मैं हूँ नहीं शराबी, डर-डर के पी रहा हूँ बहलाऊँ कैसे दिल को जब ग़म हो बेहिसाब? अच्छी हो या ख़राब, सब कुछ है अब शराब अच्छी हो या ख़राब, सब कुछ है अब शराब उस बेवफ़ा की याद में मर-मर के जी रहा हूँ मैं हूँ नहीं शराबी, डर-डर के पी रहा हूँ ♪ थोड़ा पी लेता हूँ, थोड़ा जी लेता हूँ दिल के इन ज़ख़्मों को थोड़ा सी लेता हूँ कल मिला था उसने यूँ ही बस राहों में वो बहुत ही ख़ुश थी ग़ैर की बाँहों में ज़ख़्मों से बस भरी है अब दिल की ये किताब अच्छी हो या ख़राब, सब कुछ है अब शराब अच्छी हो या ख़राब, सब कुछ है अब शराब ♪ ज़िंदगी मुश्किल है, जी रहा हूँ फिर भी सब मना करते हैं, पी रहा हूँ फिर भी जब कभी भूले से नींद आ जाती है वो मेरे ख़्वाबों में फिर से छा जाती है दुनिया सवाल पूछे, किस-किस को मैं दूँ जवाब? अच्छी हो या ख़राब, सब कुछ है अब शराब अच्छी हो या ख़राब, सब कुछ है अब शराब उस बेवफ़ा की याद में मर-मर के जी रहा हूँ मैं हूँ नहीं शराबी, डर-डर के पी रहा हूँ बहलाऊँ कैसे दिल को जब ग़म हो बेहिसाब? अच्छी हो या ख़राब, सब कुछ है अब शराब अच्छी हो या ख़राब, सब कुछ है अब शराब अच्छी हो या ख़राब, सब कुछ है अब शराब