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Agam Kumar Nigam - Udki Yaadon Ke Jo Aakhri Thhe Nishan lyrics

Artist: Agam Kumar Nigam

album: Uski Yaadon Mein Bewafa Sanam Vol-8


उसकी यादों के जो आख़िरी थे निशाँ
उसकी यादों के जो आख़िरी थे निशाँ
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे
ख़त लिखे थे जो उसने कभी प्यार में
ख़त लिखे थे जो उसने कभी प्यार में
उनको पढ़ते रहे और जलाते रहे
उसकी यादों के जो आख़िरी थे निशाँ

मैं तो उनके लिए बन गया अजनबी
ग़ैर उनके लिए बन गए ज़िंदगी
मैं तो उनके लिए बन गया अजनबी
ग़ैर उनके लिए बन गए ज़िंदगी, बन गए ज़िंदगी
ये तमाशा सर-ए-आम होता रहा
ये तमाशा सर-ए-आम होता रहा
मुझसे दामन वो अपना छुड़ाते रहे
उसकी यादों के जो आख़िरी थे निशाँ

रख ना पाए मोहब्बत की वो आबरू
ख़ाक में ये मिला दी मेरी आरज़ू
रख ना पाए मोहब्बत की वो आबरू
ख़ाक में ये मिला दी मेरी आरज़ू, ये मेरी आरज़ू
अपनी बर्बादियों पे मैं रोता रहा
अपनी बर्बादियों पे मैं रोता रहा
जश्न ख़ुशियों का वो तो मनाते रहे
उसकी यादों के जो आख़िरी थे निशाँ

अब तो दिल को मेरे हो गया है यक़ीं
वो किसी से वफ़ा कर ही सकती नहीं
हो, अब तो दिल को मेरे हो गया है यक़ीं
वो किसी से वफ़ा कर ही सकती नहीं, कर ही सकती नहीं
मैं ही नादान था, पहले समझा नहीं
मैं ही नादान था, पहले समझा नहीं
लोग अक्सर मुझे ये बताते रहे
उसकी यादों के जो आख़िरी थे निशाँ
उसकी यादों के जो आख़िरी थे निशाँ
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे
ख़त लिखे थे जो उसने कभी प्यार में
ख़त लिखे थे जो उसने कभी प्यार में
उनको पढ़ते रहे और जलाते रहे
उसकी यादों के जो आख़िरी थे निशाँ
उसकी यादों के जो आख़िरी थे निशाँ

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