Kishore Kumar Hits

Kanishk Seth - Kahaniyaan lyrics

Artist: Kanishk Seth

album: Kahaniyaan


क्यूँ हँसता है ये मन सोच में कभी?
क्या ताले खुले हैं सभी इस दिल के?
क्यूँ कश्तियाँ ख़्वाब में डूबती रहीं?
क्या पन्ने भरे हैं सभी मंज़िल के?
है नसीब में तो मिल जाएगा जो छूटता है वो
चाहूँ क़रीब से क्या दिख जाएगी जन्नत भी मुझको
क़ुर्बानियाँ, मेहरबानियाँ
करनी पूरी मेरी कहानियाँ
हैरानियाँ, मनमानियाँ
करनी पूरी मेरी कहानियाँ

है नसीब में तो मिल जाएगी जो छूटता है वो
चाहूँ क़रीब से क्या दिख जाएगी जन्नत भी मुझको
ठहरा है ये पल, हम उड़ते रहें
सहर-सहर ख़ुद को ढूँढें, क्या खो गए ख़ुद की धुन में?
गहरा है ये पल, हम बहते चलें
लहर-लहर में थे रुकते, बहें-डूबें बुलबुले से
है नसीब में तो मिल जाएगा जो छूटता है वो
चाहूँ क़रीब से क्या दिख जाएगी जन्नत भी मुझको
क़ुर्बानियाँ, मेहरबानियाँ
करनी पूरी मेरी कहानियाँ
हैरानियाँ, मनमानियाँ
करनी पूरी मेरी कहानियाँ
क़ुर्बानियाँ, मेहरबानियाँ
करनी पूरी मेरी कहानियाँ
हैरानियाँ, मनमानियाँ
करनी पूरी मेरी कहानियाँ
क़ुर्बानियाँ, मेहरबानियाँ
करनी पूरी मेरी कहानियाँ

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