कह भी दो अब, क्या है तुम्हारा नाम? ढूँढूँ तुम्हें मैं सुबह से लेके शाम पर तुम ना मिलो दूर मुझसे बैठे क्यूँ भला? चलो ज़रा, हाथ थाम ले फिर मिलें या ना मिलें चाहेंगे तुमको बेपनाह आने ना देंगे कोई गिले, तो फिर ♪ कि माँगी है जब भी ख़ुदा से कोई दुआ उसमें तेरा नाम है शामिल हुआ टूटते सितारों से मैंने जो कहा है क्या तुमने सुना है? जाने ना दिल कहाँ पे हो गया है गुम इतना पता है कि वजह हो तुम ऐसा हुआ है पहली बार कि मर्ज़ भी पता हो फिर भी लेनी ना दवा हो ♪ हम-तुम मिले शामों में और बातें करें तेरी गोद को तकिया बनाके उसपे रातें कटें फिर मिलें या ना मिलें, ख़तम ना हों ये सिलसिले कि देखूँ तुम्हें तो भूल जाऊँ मैं सारा काम बता दो ज़रा मुझे, क्या है तुम्हारा नाम?