आहटों से तेरी उठ गया क्या मैं मिलूँगा तुमसे फ़िर यूँ कभी? मैं तो यहाँ धुँधलात-सी है रातों की ये नमी तो कैसे मैं कह दूँ तुझे, "कर यकीन"? दूर रहो तुम फिर तुम मेरे करीब करे हम वादा जिसे तोड़ें नहीं रोकूँ मैं लम्हें तेरे लिए अभी, ए-ओ ♪ आहटें तेरी दिल से सुनूँ मैं तो अब यादों में खो गया हूँ न जाने मैं तो कब ना भरोसा है तो तुझे मेरी बातों में, मैं जागूँ तेरी यादों में थम गया देखो कल अब यहाँ पे क्या कहूँ मैं तुमसे दिल की ये बातें? हाँ, आके कर लो अब मेरी आँखों से तुम देखो, मेरे हाथों को तुम थामो आहटों से तेरी उठ गया क्या मैं मिलूँगा तुमसे फ़िर यूँ कभी? मैं तो यहाँ धुँधलात-सी है रातों की ये नमी तो कैसे मैं कह दूँ तुझे "कर यकीन"? दूर रहो तुम फिर तुम मेरे करीब करे हम वादा जिसे तोड़ें नहीं रोकूँ मैं लम्हें तेरे लिए अभी, ए-ओ एक दिन तुम तक पहुँचूँगा मैं ना रुकूँ कभी फ़िर बाहों में लेकर दूँगा मैं दो प्यार वहीं तो रोकूँ लम्हों को कैसे मैं? तो मुझको सताए कैसे ये? तो फ़िर मिलेंगे हम मेरी यादों में मैं तेरे पीछे हूँ, तेरा नाम लूँ