धीमी से वो आवाज़ें तेरी मैंने सुनी क्या पुकारोगी फिर से तुम मेरा तो नाम? ढलते सूरज की छाँव में मैं थम गया तो मैं धीरे से आऊँगा तेरे ही पास Still with you अंधेरी ये रात दे मुझको तो जगा पर हो चुका हूँ मैं आधी अंधेरी रातों का मैं फिर सुनता हूँ क्यूँ मैं तेरी इन आहटों को ही? लगता है तो जैसे मैं गिर चुका और बिखरा हूँ यहाँ हम हस्ते साथ, हम रोते साथ ये मेरी जज़्बातें फिर क्यूँ खिंचे है मुझको तेरी ओर कब मैं मिलूँगा तुमसे और देखूँ तेरी राहों को फिर देखूँ तेरी आँखों में, कह दूँ करता तुझको याद तेरी प्यारी सी यादों में खोया रहता हूँ, मैं ना जगु तेरे इन ख्वाबों से फिर भागूँ भीगे कदमों से मैं तेरी ओर क्यूँ मैं इन धुंदली रातों के तो बाद हम हस्ते साथ, हम रोते साथ ये मेरी जज़्बातें फिर क्यूँ खिंचे है मुझको तेरी ओर कब मैं मिलूँगा तुमसे और देखूँ तेरी राहों को फिर देखूँ तेरी आँखों में, कह दूँ करता तुझको याद तेरी प्यारी सी यादों में खोया रहता हूँ, मैं ना जगु तेरे इन ख्वाबों से फिर भागूँ भीगे कदमों से मैं तेरी ही तो ओर क्यूँ मैं इन धुंदली रातों के तो बाद धीमी से वो आवाज़ें तेरी मैंने सुनी क्या पुकारोगी फिर से तुम मेरा तो नाम? ढलते सूरज की छाँव में मैं थम गया तो मैं धीरे से आऊँगा तेरे ही पास Still with you