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Raghav Kaushik - Khaare Raste (Reprise) lyrics

Artist: Raghav Kaushik

album: Khaare Raste (Reprise)


बेनाम रिश्तों की मंज़िल के आड़े हैं
खारे रस्ते, खारे रस्ते
कहता ना कोई, पर किश्तों में चुभते हैं
खारे रस्ते, खारे रस्ते
मंज़ूर है हर ग़म दिल को
बस ले चल संग अपने हमको
तेरे बिना जीना क्या है
जैसे सब बेपरवाह है
चुप-चुप से हैं, लेकिन आँखों से कहते हैं
सारे रस्ते, सारे रस्ते
हाँ, खारे रस्ते, खारे रस्ते
हाँ, महकी साँसों की नमी
धुँधली पड़ती जा रही
हाँ, जैसे ज़िंदगी आज फिर
मुस्काँ छीने जा रही
बेवक़्त प्यार ही सही
ढूँढ लेंगे फिर तुझे हम कहीं
आ जाओ, साजना
बिन तेरे मैं क्या जिया?
हो, तुझ बिन अधूरे जो, संग तेरे पूरे वो
खारे रस्ते, खारे रस्ते
हाँ, खारे रस्ते, खारे रस्ते
मंज़ूर है हर ग़म दिल को
बस ले चल संग अपने हमको
तेरे बिना जीना क्या है?
जैसे सब बेपरवाह है
जैसे सब बेपरवाह है

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