Kishore Kumar Hits

Kabir Cafe - Amritwani lyrics

Artist: Kabir Cafe

album: Kabir Cafe Live


साईं इतना दीजिए जामे कुटुंब समाए
साईं इतना दीजिए जामे कुटुंब समाए
मैं भी भूखा ना रहूँ...
मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु ना भूखा जाए
...साधु ना भूखा जाए

माया मरी ना मन मरा, मर-मर गए शरीर
माया मरी ना मन मरा, मर-मर गए शरीर
आशा, तृष्णा ना मरी...
आशा, तृष्णा ना मरी, कह गए दास कबीर
...कह गए दास कबीर

पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित भया ना कोय
पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित भया ना कोय
ढाई आखर प्रेम के...
ढाई आखर प्रेम के पढ़े सो पंडित होय
...पढ़े सो पंडित होय

In vain is the eminence
Just like a date tree
No shade for travelers
Fruit is hard to reach
In vain is the eminence
Just like a date tree
No shade for travelers
Fruit is hard to reach

नि-नि-सा, नि-नि-सा, नि-नि-सा, नि-पा-मा, पा-नि-सा
सा-सा, नि-नि, पा-पा, मा-मा, नि-नि, पा-मा, गा-मा-पा
पा-नि-नि, पा-सा-सा, पा-नि-नि, पा-रि-रि, सा-नि-पा
सा-नि, पा-नि, पा-मा, पा-मा, गा-मा, गा-मा, रे-रे-सा
लाली मेरे लाल की जित देखूँ उत लाल
लाली मेरे लाल की जित देखूँ उत लाल
लाली ढूँढन मैं चली...
हो, लाली ढूँढन मैं चली, मैं भी हो गयी लाल
...मैं भी हो गयी लाल

Now I can see
The power is in you
No matter what I say
Just believe it's all true, yeah

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