दिल में जो चुभते थे रहते थे दुबके से, गाने लगे पलकों की खिड़की पे अरमाँ वो चुपके से आने लगे परों को हवा दी काँधों को शाबशी देकर चल पड़े दे मौक़ा ज़िंदगी, इम्तिहानों से ना हम डरें दे मौक़ा ज़िंदगी, खुले आसमाँ में हम चलें दे मौक़ा ज़िंदगी, इम्तिहानों से ना हम डरें दे मौक़ा ज़िंदगी, खुले आसमाँ में हम चलें ♪ बीते हुए कल से मिले शिकवे सभी हम भुला ऐसे लगे फिर से गले जैसे कभी थे ना गिले, फिर से दिए मुस्कुरा दे मौक़ा ज़िंदगी, इम्तिहानों से ना हम डरें दे मौक़ा ज़िंदगी, खुले आसमाँ में हम चलें दे मौक़ा ज़िंदगी, इम्तिहानों से ना हम डरें दे मौक़ा ज़िंदगी, खुले आसमाँ में हम चलें