तेरे-मेरे बीच का साथ जो था एक नए ख़्वाब-सा अहसास वो था तेरे-मेरे बीच का साथ जो था एक नए ख़्वाब-सा अहसास वो था कि आँखें झुकाती थी, बातें रुकाती थी तेरे लिए रातें जगाती थी, शामें थकाती थी तेरे लिए कभी पास बुलाके मुझे चुपके से सुलाके अब ले चलो ख़्वाबों के मेले में अब ले चलो ख़्वाबों के मेले में ले चलो ख़्वाबों के मेले में चलो खो चले हम तुम, अकेले में ♪ रातें मेरी सूनी-सी, अनकही अधूरी-सी तेरे होने में वो अहसास है हर लम्हाँ तू मेरे पास है एक तारा जैसे टूटा था फिर रब से मैंने तुझे माँगा था, हाँ कभी पास बुलाके मुझे चुपके से सुलाके अब ले चलो ख़्वाबों के मेले में अब ले चलो ख़्वाबों के मेले में ले चलो ख़्वाबों के मेले में चलो खो चले हम तुम, अकेले में