Kishore Kumar Hits

Bhuvan Bam - Heer Ranjha lyrics

Artist: Bhuvan Bam

album: Heer Ranjha


चल ढूँढ लाएँ सारी मासूम सी खुशियाँ
चल भूल जाएँ फ़ासले दरमियाँ
किसने बनाया दस्तूर ऐसा?
जीना सिखाया मजबूर जैसा
दिल रो रहा है, दिल है परेशाँ
हीर और राँझा के इश्क़ जैसा
कहते हैं, "जो पन्ने होते नहीं पूरे
करते बहुत कुछ बयाँ"
मिल जाऊँगा तुझ से फिर उन किताबों में
हो जहाँ ज़िक्र तेरा
तू, तू, मैं और तू
तू, तू, मैं और तू
किसने बनाया दस्तूर ऐसा?
जीना सिखाया मजबूर जैसा
आँखें मेरी, सपना तेरा, सपने सुबह-शाम हैं
तू है सही या मैं हूँ सही, किस पे ये इल्ज़ाम है?
आँखें मेरी, सपना तेरा, सपने सुबह-शाम हैं
तू है सही या मैं हूँ सही, किस पे ये इल्ज़ाम है?
ऐसी लगन बाँधे हुए हूँ मैं खड़ा अब वहाँ
जिस छोर पे था छूटा मेरा हाथों से तेरे हाथ
जिसने हँसाया, जिसने रुलाया
जीना सिखाया मजबूर जैसा
जाना है जा, है किसने रोका?
हीर और राँझा के इश्क़ जैसा
तू, तू, मैं और तू
तू, तू, मैं और तू

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