जब आँचल रात का लहराए और सारा आलम सो जाए तुम मुझसे मिलने शम्मा जलाकर ताज महल में आ जाना तुम मुझसे मिलने शम्मा जलाकर ताज महल में आ जाना जब आँचल रात का लहराए ये ताज महल जो चाहत की आँखों का सुनहरा मोती है हर रात जहाँ दो रूहों की ख़ामोशी ज़िंदा होती है इस ताज के साए में आकर तुम गीत वफ़ा का दोहराना तुम मुझसे मिलने शम्मा जलाकर ताज महल में आ जाना जब आँचल रात का लहराए तनहाई है जागी-जागी सी, माहौल है सोया-सोया हुआ जैसे कि तुम्हारे ख़्वाबों में ख़ुद ताज महल हो खोया हुआ हो ताज महल का ख़्वाब तुम ही, ये राज़ ना मैंने पहचाना तुम मुझसे मिलने शम्मा जलाकर ताज महल में आ जाना जब आँचल रात का लहराए जो मौत मोहब्बत में आए वो जान से बढ़कर प्यारी है दो प्यार भरे दिल रोशन हैं, दो रात बहुत अँधियारी है तुम रात के इस अँधियारे में बस एक झलक दिखला जाना तुम मुझसे मिलने शम्मा जलाकर ताज महल में आ जाना जब आँचल रात का लहराए और सारा आलम सो जाए तुम मुझसे मिलने शम्मा जलाकर ताज महल में आ जाना तुम ताज महल में आ जाना तुम ताज महल में आ जाना तुम ताज महल में आ जाना