भरते हुए ज़ख़्मों को खरोंचे हमें भूल जाना तेरा इतनी आसानी से मुँह मोड़े अजनबी बन जाना तेरा टूटे, हम टूटे टूटे हुए हैं हम यहाँ टूटे, हम टूटे टूटे होगे तुम भी वहाँ क्यूँ खो गई है तारीख़ों में हमारी अधूरी दास्ताँ? कब छूट गया साथ ना जाने कब हो गए हम लापता टूटे, हम टूटे टूटे हुए हैं हम यहाँ टूटे, हम टूटे टूटे होगे तुम भी वहाँ और वक्त की अदालतों में चलते रहेंगे मुक़दमें रखी जाएँगी ये दलीलें कि तुम तुम ना रहे और हम भी हम ना रहे फ़ुर्सत मिले जो कभी तो हम पे भी ग़ौर करना यहाँ कि हमको तेरी महफ़िलों में मिलती इजाज़त कहाँ टूटे, हम टूटे टूटे हुए हैं हम यहाँ टूटे, हम टूटे टूटे होगे तुम भी वहाँ तुम भी वहाँ तुम भी वहाँ तुम भी वहाँ