ऐ खुदा, मुझको तू इतना तो बता क्या है मेरी ग़लती? जाने क्या है मेरी ख़ता दिन की भी ना मुझको ख़बर, रात का ना पता क्या है तेरी मर्ज़ी जानूँ ना, क्या है तेरी रज़ा? Hmm, जब से जाना है उसको कुछ खोया सा आगे-आगे ज़माना भागे, पीछे मैं यहाँ पहचाना जो उसको मैं गुमशुदा अनजाने में जाने कैसे अनदेखे हैं रास्ते डगर पे, ज़ुबाँ पे बेख़बर सा हुआ ♪ दोस्तों की महफ़िल में जिससे भी मैं मिला बदला-बदला सा लगता हूँ सब ने यहीं कहाँ बैठे-बैठे बदलता है कोई, ऐसा होता है क्या? जब भी मैंने कुछ ऐसा कहा किसी ने ना सुना Hmm, जब से जाना है उसको कुछ खोया सा आगे-आगे ज़माना भागे, पीछे मैं यहाँ पहचाना जो उसको मैं गुमशुदा अनजाने में जाने कैसे अनदेखे हैं रास्ते डगर पे, ज़ुबाँ पे बेख़बर सा हुआ ♪ ऐ खुदा, मुझको तू इतना तो बता (इतना तो बता) क्या है मेरी ग़लती? जाने क्या है मेरी ख़ता (क्या है मेरी ख़ता) दिन की भी ना मुझको ख़बर, रात का ना पता (रात का ना पता) क्या है तेरी मर्ज़ी जानूँ ना, क्या है तेरी रज़ा Hmm, जब से जाना है उसको कुछ खोया सा आगे-आगे ज़माना भागे, पीछे मैं यहाँ पहचाना जो उसको मैं गुमशुदा अनजाने में जाने कैसे अनदेखे हैं रास्ते डगर पे, ज़ुबाँ पे बेख़बर सा हुआ