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Quratulain Balouch - Aashti - From "Aashti" lyrics

Artist: Quratulain Balouch

album: Aashti (From "Aashti")


सागर बोले नइयों डोले जाना है कहा
बहती गंगा क्यों है अकेली
साथी संगी ना ही धीरे धीरे
मेघा छाए,मेघा छाए
रोएं गीलाश मा
(हे हे हे)
मेघा छाए रोएं गीलाश मा
जति पूर्वा धन ओ
गाती जाए कहुन
आखी धारा बिंदिया पानी आ आ
जाने क्यों मनवा टोके ओ
आंशु गीरे तो रोके
कैसे हुई थी उसकी होके
जैसे आंधी,जैसे आंधी
छोड़े या धोके शाम
(हे हे हे)
(हे हे हे)
(हे)
तेरे सामने रहना हो
और नहीं कुछ कहना
जीना क्या है तन्हा जीना
आ आ उलझन नैन बसेरा हो
चारो ओर अंधेरा क्या तेरा है
क्या है मेरा
पंछी गारे,पंछी गारे उड़ता जाए तो जहा
पंछी गारे उड़ता जाए तो जहा
सागर बोले नइयों डोले जाना है कहा
बहती गंगा क्यों है अकेली साथी संगी
ना ही धीरे धीरे मेघा छाए
मेघा छाए रोए गीलश मा
(हे हे हे)
मेघा छाए रोए गीलाश मा

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